डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल & इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
क्या आपने उड़ते हुए ड्रोन को देखकर सोचा कि यह कैसे काम करता है? आप जानकर हैरान हो जायेंगे कि आप अपना खुद का भी ड्रोन बना सकते है। ड्रोन के अलावा आप अपना खुद का एक रोबोट या फायर अलार्म या वाटर लेवल इंडिकेटर या डिजिटल इन्वर्टर भी बना सकते है। इसके लिए आपको एक कोर्स करना पड़ेगा जिसे Diploma in Electronics and Communication Engineering (डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल & इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग) के नाम से जाना जाता है। यह एक 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है जिसमे एडमिशन के लिए आपको सिर्फ कक्षा 10वी में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। आइये इस कोर्स के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को जान लेते है।
Diploma in Electronics and Communication Engineering। क्या है?
Diploma in Electronics and Communication Engineering Course एक 3 वर्षीय डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स है। इस कोर्स के बाद आप एक जूनियर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर बनते है। यदि आपको विद्युत उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स कि डिजाइनिंग, उनको बनाना, रोबोटिक्स, नए नए खुद के आविष्कार करने में इंटरेस्ट है तो Diploma in Electronics and Communication Engineering का यह कोर्स आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। इसमें बहुत सारे रियल वर्ल्ड प्रोजेक्ट पर काम करना, उन्हें बनाना आदि सिखाया जाता है।
Admission Process in Diploma in Electronics and Communication Engineering
अलग अलग राज्यों में Diploma in Electronics and Communication Engineering के कोर्स में सही उम्मीदवारों को चुनने के लिए अलग अलग तरह की प्रवेश परीक्षाए (एंट्रेंस एग्जाम्स) होती है। कुछ एंट्रेंस एग्जाम्स इस प्रकार है।
क्र. | राज्य | एंट्रेंस एग्जाम |
---|---|---|
1 | आंध्र प्रदेश | AP POLYCET (Andhra Pradesh Polytechnic Common Entrance Test) |
2 | असम | Assam PAT (Polytechnic Admission Test) |
3 | बिहार | DCECE (Diploma Certificate Entrance Competitive Examination) |
4 | छत्तीसगढ़ | CG PPT (Chhattisgarh Pre-Polytechnic Test) |
5 | गोवा | Goa Polytechnic Entrance Exam |
6 | गुजरात | Gujarat Polytechnic (GUJCET for some courses) |
7 | हरियाणा | Haryana DET (Diploma Entrance Test) |
8 | हिमाचल प्रदेश | HPPAT (Himachal Pradesh Polytechnic Admission Test) |
9 | झारखंड | PECE (Polytechnic Entrance Competitive Examination) |
10 | कर्नाटक | Karnataka DCET (Diploma Common Entrance Test) |
11 | केरल | Kerala Polytechnic Entrance Exam |
12 | मध्य प्रदेश | MP PPT (Madhya Pradesh Pre-Polytechnic Test) |
13 | महाराष्ट्र | MAH CET (Maharashtra Common Entrance Test for Diploma Courses) |
14 | मणिपुर | Manipur Polytechnic Admission Test |
15 | ओडिशा | Odisha DET (Diploma Entrance Test) |
16 | पंजाब | Punjab JET (Joint Entrance Test) |
17 | राजस्थान | Rajasthan Polytechnic Admission (Merit-Based, No Entrance Exam) |
18 | तमिलनाडु | TNEA (Tamil Nadu Engineering Admissions for Diploma Holders) |
19 | तेलंगाना | TS POLYCET (Telangana Polytechnic Common Entrance Test) |
20 | उत्तर प्रदेश | JEECUP (Joint Entrance Examination Council of Uttar Pradesh) |
21 | उत्तराखंड | Uttarakhand Polytechnic (JEEP – Joint Engineering Examination Polytechnic) |
22 | पश्चिम बंगाल | JEXPO (Joint Entrance Examination for Polytechnics West Bengal) |
कौन दे सकते है एंट्रेंस एग्जाम?
Diploma in Electronics and Communication Engineering (ECE) Course में एडमिशन के लिए आपको अपने राज्य के अनुसार एंट्रेंस एग्जाम देना होगी। इसके लिए उम्मीदवार के द्वारा कक्षा 10वी की परीक्षा में पास होना बहुत जरुरी है और साथ ही परीक्षा में गणित व विज्ञान विषय में अच्छे नम्बरों के साथ कम से कम 50% अंक प्राप्त होना अनिवार्य है। अगर उम्मीदवार 50% अंक प्राप्त नहीं करता है तो वह एडमिशन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।
एंट्रेंस एग्जाम से उम्मीदवार का चयन
अलग अलग राज्यों में प्रवेश कि अलग अलग प्रवेश प्रक्रियाए है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपको अपने राज्य के अनुसार एक एंट्रेंस एग्जाम देना जरुरी है। एग्जाम को देने के बाद एक कटऑफ नम्बर की लिस्ट जारी होती है। इस लिस्ट में ST, SC, OBC, General, EWS आदि के अनुसार अलग अलग कुछ पासिंग नम्बर रहते हैं। जिन उम्मीवारों के एंट्रेंस एग्जाम में प्राप्त नम्बर, कटऑफ नम्बर से अधिक आते है, वो एडमिशन के लिए योग्य होते है तथा जिनके नम्बर कटऑफ नम्बर से कम होते है, वो सरकारी कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया से बाहर हो जाते है।
मेरिट के आधार पर एडमिशन
कई राज्यों में एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट आने के बाद जिन उम्मीदवारों के नम्बर कटऑफ नम्बर से अधिक होते है, उन्हें केटेगरी के अनुसार बनने वाली मेरिट लिस्ट में चुना जाता है। कुछ प्राइवेट (निजी) कॉलेज ऐसे भी होते है, जो एंट्रेंस एग्जाम में पास न होने पर भी कॉलेज लेवल काउंसलिंग के माध्यम से कक्षा 10वी के प्रतिशत को आधार मानकर मेरिट लिस्ट बनाकर एडमिशन दे देते है।
डायरेक्ट एडमिशन प्रक्रिया
कुछ कॉलेज या इंस्टिट्युट ऐसे भी होते है जिनमे एडमिशन लेने के लिए किसी भी एंट्रेंस एग्जाम को देने कि जरुरत नहीं होती है। इनमे डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है। इसके लिए आपको सिर्फ उस कॉलेज में जाकर एडमिशन के लिए आवेदन फार्म भरना होता है तथा जरुरी दस्तावेज और एडमिशन फीस जमा करना पड़ता है। इतना होने के बाद आपको एडमिशन दे दिया जाता है।
Eligibility for Diploma in Electronics and Communication Engineering
Diploma in Electronics and Communication Engineering में एडमिशन के लिए विद्यार्थियों को निम्नलिखित बिन्दुओ पर ध्यान देना जरूरी है।
- उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त सरकारी या प्राइवेट विद्यालय से कक्षा 10वी में पास होना अनिवार्य है।
- उम्मीदवार को कम से कम 50% अंको से कक्षा 10वी पास करना बहुत जरुरी है। यहाँ पर आरक्षण प्राप्त श्रेणियों को सिर्फ 45% अंक से कक्षा 10वी को पास करना जरुरी है।
- उम्मीदवार पूरी तरह फिट होना चाहिए। किसी भी तरह की शारीरिक अपंगता या आखों से सम्बंधित कोई समस्या नही होना चाहिए।
Syllabus for Diploma in Electronics and Communication Engineering (Semester wise)
क्र. | सेमेस्टर 1 | सेमेस्टर 2 | सेमेस्टर 3 | सेमेस्टर 4 | सेमेस्टर 5 | सेमेस्टर 6 |
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1 | Engineering Mathematics – I | Engineering Mathematics – II | Analog Electronics | Digital Communication | Power Electronics | Internet of Things – IoT |
2 | Engineering Physics | Digital Electronics | Microprocessor and Interfacing | Analog Communication | Wireless Communication | Industrial Training |
3 | Engineering Chemistry | Electronic Devices and Circuits | Network Theory | Control Systems | Optical Communication | Project Presentation |
4 | Basic Electrical and Electronics Engineering | Communication Skills | Electrical Measurement and Instrumentation | Signals and Systems | Development Project | Viva Voce |
5 | Engineering Drawing | Computer Fundamentals and Programming | Electromagnetic Fields | Industrial Electronics | Microcontroller and Embedded Systems | – |
6 | Workshop Practice | – | – | – | – | – |
Diploma in Electronics and Communication Engineering Fees Details
Diploma in Electronics and Communication Engineering कोर्स की फिस सरकारी व निजी कॉलेजों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है। यहाँ पर नीचे दी गई तालिका में फिस का विवरण है। आप जिस भी कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते है, उस कॉलेज के एडमिशन इंचार्ज से फीस से सम्बन्धित अधिक जानकारी कर सकते है।
क्र. | संस्थान का प्रकार | अनुमानित फीस |
---|---|---|
1 | सरकारी संस्थान | 5,000 रूपये से लेकर 20,000 रूपये प्रतिवर्ष |
2 | प्राइवेट संस्थान | 30,000 रूपये से लेकर 100,000 रूपये प्रतिवर्ष |
Job Opportunities after Diploma in Electronics and Communication Engineering Course
इस कोर्स को पूर्ण करने के बाद आप कई तरह की इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग कम्पनियो, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री, टेलिकॉम इंडस्ट्री या टेलीकम्यूनिकेशन इंडस्ट्री, आईटी कंपनियों, रेलवे, PSUs, बिजली विभाग, दूरसंचार विभाग, डिफेन्स सेक्टर जैसे DRDO में विभिन्न पदों पर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नीशियन, नेटवर्क इंजीनियर, कस्टमर सपोर्ट इंजीनियर के पदों पर कार्य कर अच्छा खासा पैसा कमा सकते है। नीचे दी गई तालिका में पद के अनुसार अनुमानित सैलरी का विवरण दिया गया है।
क्र. | पद का नाम | अनुमानित मासिक सैलरी (वेतन) |
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1 | इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीशियन (Electronics Technician) | 15,000 से 25,000 रूपये तक हर महिना |
2 | नेटवर्क इंजीनियर (Network Engineer) | 20,000 से 35,000 रूपये तक हर महिना |
3 | हार्डवेयर इंजीनियर (Hardware Engineer) | 18,000 से 30,000 रूपये तक हर महिना |
4 | गुणवत्ता नियंत्रक (Quality Controller) | 15,000 से 28,000 रूपये तक हर महिना |
5 | प्रोडक्शन इंजीनियर (Production Engineer) | 20,000 से 40,000 रूपये तक हर महिना |
6 | सेवा इंजीनियर (Service Engineer) | 15,000 से 25,000 रूपये तक हर महिना |
7 | टेलीकॉम इंजीनियर (Telecom Engineer) | 20,000 से 40,000 रूपये तक हर महिना |
8 | आरएफ इंजीनियर (RF Engineer) | 25,000 से 45,000 रूपये तक हर महिना |
9 | रिसर्च असिस्टेंट (Research Assistant) | 18,000 से 30,000 रूपये तक हर महिना |
10 | सेल्स इंजीनियर (Sales Engineer) | 20,000 से 35,000 रूपये तक हर महिना |
11 | ऑटोमेशन इंजीनियर (Automation Engineer) | 20,000 से 45,000 रूपये तक हर महिना |
12 | टेलीकम्यूनिकेशन टेक्नीशियन | 15,000 से 30,000 रूपये तक हर महिना |
इसी तरह के अन्य कोर्सेस कि जानकारी भी आपको हमारी वेबसाईट के करियर पाथ पेज पर मिलेगी, अतः एक बार वहा भी विजिट जरुर करे। हम आपके बेहतर भविष्य कि कामना करते है।
Education Opportunities after Diploma in Electronics and Communication Engineering
Diploma in Electronics and Communication Engineering कोर्स के बाद आप अगर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, तो आपके पास कई करियर विकल्प है जिनमे आप प्रवेश लेकर अपने करियर में नई ऊंचाइयों को छू सकते है।
- B.E/B.Tech Degree : अगर Diploma in Electronics and Communication Engineering में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप एक सीनियर इंजिनियर बन सकते है। इसके लिए आपको बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी का डिग्री कोर्स करना चाहिए। डिप्लोमा कोर्स पूर्ण होने के बाद, आप इन दोनों में से किसी भी एक कोर्स में बिना फर्स्ट ईयर कि पढ़ाई किए डायरेक्ट सेकंड ईयर में एडमिशन ले सकते है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
Q.1 कोर्स के बाद में क्या कोई सरकारी नोकरी लग सकती है?
Ans. जी हाँ, इस कोर्स को पूर्ण करने के बाद आप इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीशियन, नेटवर्क इंजीनियर, हार्डवेयर इंजीनियर या माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्रामर तथा रक्षा क्षेत्र में निकलने वाली अनेक वेकेंसियो पर आवेदन कर सरकारी नोकरी ले सकते है।
Q.2 क्या लड़कीया इस कोर्स में प्रवेश ले सकती है?
Ans. हाँ लडकियो के लिए यह सबसे अधिक लोकप्रिय कोर्स में से एक है।
Q.3 क्या इस कोर्स कि पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी मीडियम में होती है?
Ans. नहीं, अंग्रेजी व हिन्दी या फिर आप जिस क्षेत्र में रहते है, उस भाषा में आपको पढ़ाया जाता है।
Q.4 क्या यह कोर्स ऑनलाइन पूर्ण किया जा सकता है?
Ans. पूरी तरह नहीं, क्योकि प्रेक्टिकल अनुभव के लिए आपको कॉलेज जाना बहुत जरुरी है।
Q.5 Diploma in Electronics and Communication Engineering कोर्स के दौरान कौन कौन से सॉफ्टवेयर सीखे जा सकते है?
Ans. MATLAB, C, C++, Java Programming आदि सीखने से जल्दी जॉब लगने के अवसर प्राप्त होते है।
Q.6 क्या इस कोर्स के दौरान कोई प्रेक्टिकल ट्रेनिंग करना होती है?
Ans. यह आप पर निर्भर करता है, लेकिन कोर्स के दौरान आपको एक इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग करना चाहिए। इससे आपका कौशल निखरता है।
यदि आप इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग से सम्बन्धित कोई डिप्लोमा या स्नातक कोर्स में पढ़ाई कर रहे है, तो आल अबाउट सर्किट और NPTEL कि ऑफिशियल वेबसाईट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है।
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