Diploma in Aeronautical Engineering
क्या आप जानते है कि एरोप्लेन, हवाई जहाज, अन्तरिक्ष यान, रॉकेट्स आदि कैसे उड़ते है? ये सभी कैसे काम करते है? इन्हें कैसे बनाया जाता है? यदि आपको इस तरह के सवालो के जवाब जानने में इंटरेस्ट है और आप भविष्य में पायलट या एयरक्राफ्ट इंजीनियर बनने या अंतरिक्ष में जाने का सपना देखते है तो इस लेख में आप Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। चाहे आप अभी कक्षा 10वी में पढ़ रहे हो या आपने कक्षा 10वी पास कर ली है या फिर आपने 12वीं के बाद Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स में एडमिशन लेने का प्लान बनाया है, आप सभी इस कोर्स में एडमिशन लेकर एक अच्छा करियर बना सकते है।
अगर आपको यह समझ नहीं आ रहा है कि 10वी के बाद क्या करे तो 10वी के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स करना एक बहुत अच्छा विकल्प है। डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (Diploma in Aeronautical Engineering) एक 3 वर्षीय अंडरग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स है। Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स को कक्षा 10वी उत्तीर्ण कोई भी छात्र-छात्रा कर सकते है। इस कोर्स में एडमिशन कि प्रक्रिया, पात्रता, पाठ्यक्रम, फीस तथा भविष्य में करियर विकल्प सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है।

What is Diploma in Aeronautical Engineering?
Diploma in Aeronautical Engineering यह एक 3 साल का कोर्स है, जिसमे आपको हवाई जहाजो, मिसाइलो, अन्तरिक्ष यानो के क्षेत्र में कार्य करना सिखाया जाता है। इसमें विमानों, मिसाइलो, रॉकेट्स कि डिजाइनिंग, रिपेयरिंग, उनका रखरखाव उनमे आने वाली परेशानियों को दूर करने जैसे अनेक कार्य बहुत ही गहराई व प्रेक्टिकल तरीके से सिखाया जाते है। हमारे देश कि अन्तरिक्ष वैज्ञानिक कप्लना चावला ने भी एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कि डिग्री हासिल कर नासा जैसी अमेरिकन संस्था में कार्य कर भारत का नाम रोशन किया है।
Diploma in Aeronautical Engineering after 10th
कक्षा 10वीं के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए आपको एक एंट्रेंस एग्जाम यानी प्रवेश परीक्षा देना होगी। हमारे देश में कई इंजीनियरिंग कोर्सेस उपलब्ध है जिनमे Diploma in Aeronautical Engineering Course हमेशा से डिमांड में रहा है। परन्तु इसमें बहुत कम शीट होती है इसलिए सही उम्मीदवारों को चुनने के लिए अलग अलग राज्यों में इस कोर्स में प्रवेश के लिए अलग अलग तरह की एंट्रेंस एग्जाम्स होती है। कुछ एंट्रेंस एग्जाम्स इस प्रकार है।
क्र. | राज्य | एंट्रेंस एग्जाम |
---|---|---|
1 | आंध्र प्रदेश | AP POLYCET (Andhra Pradesh Polytechnic Common Entrance Test) |
2 | असम | Assam PAT (Polytechnic Admission Test) |
3 | बिहार | DCECE (Diploma Certificate Entrance Competitive Examination) |
4 | छत्तीसगढ़ | CG PPT (Chhattisgarh Pre-Polytechnic Test) |
5 | गोवा | Goa Polytechnic Entrance Exam |
6 | गुजरात | Gujarat Polytechnic (GUJCET for some courses) |
7 | हरियाणा | Haryana DET (Diploma Entrance Test) |
8 | हिमाचल प्रदेश | HPPAT (Himachal Pradesh Polytechnic Admission Test) |
9 | झारखंड | PECE (Polytechnic Entrance Competitive Examination) |
10 | कर्नाटक | Karnataka DCET (Diploma Common Entrance Test) |
11 | केरल | Kerala Polytechnic Entrance Exam |
12 | मध्य प्रदेश | MP PPT (Madhya Pradesh Pre-Polytechnic Test) |
13 | महाराष्ट्र | MAH CET (Maharashtra Common Entrance Test for Diploma Courses) |
14 | मणिपुर | Manipur Polytechnic Admission Test |
15 | ओडिशा | Odisha DET (Diploma Entrance Test) |
16 | पंजाब | Punjab JET (Joint Entrance Test) |
17 | राजस्थान | Rajasthan Polytechnic Admission (Merit-Based, No Entrance Exam) |
18 | तमिलनाडु | TNEA (Tamil Nadu Engineering Admissions for Diploma Holders) |
19 | तेलंगाना | TS POLYCET (Telangana Polytechnic Common Entrance Test) |
20 | उत्तर प्रदेश | JEECUP (Joint Entrance Examination Council of Uttar Pradesh) |
21 | उत्तराखंड | Uttarakhand Polytechnic (JEEP – Joint Engineering Examination Polytechnic) |
22 | पश्चिम बंगाल | JEXPO (Joint Entrance Examination for Polytechnics West Bengal) |
कौन दे सकते है एंट्रेंस एग्जाम?
एंट्रेंस एग्जाम देने के लिए यह तय हो कि उम्मीदवार कक्षा 10वी में पढ़ रहा हो या कक्षा 10वी उत्तीर्ण कर ली हो तथा जब कक्षा 10वी की परीक्षा पास कि हो तो कम से कम 50% अंक प्राप्त जरूर होना चाहिए अन्यथा उम्मीदवार को एडमिशन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।
एंट्रेंस एग्जाम से उम्मीदवार का चयन
इस एग्जाम को देने के बाद एक कटऑफ नम्बर की लिस्ट जारी होती है। इस लिस्ट में विभिन्न केटेगरी जैसे ST, SC, OBC, General, EWS आदि के लिए पासिंग नम्बर दिए रहते हैं। जिन उम्मीवारों के नम्बर कटऑफ नम्बर से अधिक आते है, वो एडमिशन के लिए योग्य होते है तथा जिनके नम्बर कटऑफ नम्बर से कम होते है, वो सरकारी कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया से बाहर हो जाते है।
मेरिट के आधार पर एडमिशन
यदि आप Diploma in Aeronautical Engineering Course में एडमिशन लेना चाहते है तो इसके लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम में बेठने के लिए कक्षा में 10वी में अध्ययनरत होना या 10वी कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। प्रवेश परीक्षा के बाद रिजल्ट आने पर कटऑफ लिस्ट जारी होती है तथा मेरिट लिस्ट बनती है। इसके बाद मैरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन दिया जाता है।
डायरेक्ट एडमिशन प्रक्रिया
हमारे आसपास ऐसे भी कुछ कॉलेज या इंस्टिट्युट है जिनमे एडमिशन लेने के लिए किसी भी एंट्रेंस एग्जाम को देने कि जरुरत नहीं होती है। इनमे डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है। इसके लिए आपको कॉलेज में जाकर आवेदन फार्म भरना होता है तथा जरुरी दस्तावेज और एडमिशन फीस जमा करना पड़ता है।इसके बाद आपको एडमिशन दे दिया जाता है।
Eligibility for Diploma in Aeronautical Engineering
विद्यार्थियों को Diploma in Aeronautical Engineering में एडमिशन के लिए निम्नलिखित बिन्दुओ पर ध्यान देना जरूरी है।
डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स पात्रता
- उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त सरकारी या प्राइवेट विद्यालय से कक्षा 10वी में पास होना अनिवार्य है।
- उम्मीदवार को कम से कम 50% अंको से कक्षा 10वी पास करना बहुत जरुरी है। यहाँ पर आरक्षण प्राप्त श्रेणियों को सिर्फ 45% अंक से कक्षा 10वी को पास करना जरुरी है।
- उम्मीदवार पूरी तरह फिट होना चाहिए। किसी भी तरह की शारीरिक अपंगता या आखों से सम्बंधित कोई समस्या नही होना चाहिए।
- कुछ सरकारी संस्थान सिर्फ 12वी (फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथेमेटिक्स से) पास करने वाले विद्यार्थियों को ही Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स में प्रवेश देते है।
Syllabus for Diploma in Aeronautical Engineering (Semester wise)
Diploma in Aeronautical Engineering Syllabus
क्र. | सेमेस्टर 1 | सेमेस्टर 2 | सेमेस्टर 3 | सेमेस्टर 4 | सेमेस्टर 5 | सेमेस्टर 6 |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | Applied Mathematics – I | Applied Mathematics – II | Aerodynamics-I | Aerodynamics-II | Aircraft Systems and Maintenance | Space Science and Rocketry |
2 | Applied Physics – I | Applied Physics – II | Thermodynamics | Aircraft Structure-I | Aircraft Structure-II | Aircraft Maintenance Practice |
3 | Applied Chemistry | Basic Electrical & Electronics Engineering | Mechanical Measurements and Instrumentation | Propulsion-II | Flight Mechanics | Quality Control and Testing |
4 | Engineering Graphics and Drawing | Fluid Mechanics | Propulsion-I | Avionics | Robotics and Automation | Entrepreneurship Development |
5 | Communication Skills | Engineering Mechanics | Material Science and Metallurgical Processes | Machine Design | Industrial Management | Industrial Training/Internship |
6 | Workshop Practice – I | Workshop Practice – II | CAD – Computer-Aided Design | Mechanical Engineering Lab | Minor Project | Major Project |
ध्यान दे कि ये सभी विषय अलग अलग राज्यों व यूनिवर्सिटीज के अनुसार थोड़ा अलग हो सकते है लेकिन 3 वर्ष के कोर्स को पूर्ण करने के बाद फाइनली आप एक एरोनॉटिकल इंजीनियर बन जाते है।
Diploma in Aeronautical Engineering Fees Details
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के इस कोर्स में डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स कि फीस (Diploma in Aeronautical Engineering Fees) विभिन्न सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों के अनुसार अलग अलग हो सकती है। नीचे दी गई तालिका में डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कि अनुमानित फिस का विवरण है। अधिक जानकारी के लिए आप जिस कॉलेज में एडमिशन का सोच रहे है, उस कॉलेज के एडमिशन इंचार्ज से फीस सम्बन्धित बात कर सकते है।
क्र. | संस्थान का प्रकार | अनुमानित फीस |
---|---|---|
1 | सरकारी संस्थान | 10,000 रूपये से लेकर 30,000 रूपये प्रतिवर्ष |
2 | प्राइवेट संस्थान | 40,000 रूपये से लेकर 150,000 रूपये प्रतिवर्ष |
इसके अलावा, अन्य खर्च जैसे कि किताबें, लैब फीस, हॉस्टल फीस आदि भी अलग से लग सकते हैं
Job Opportunities after Diploma in Aeronautical Engineering Course
इस कोर्स को पूर्ण करने के बाद आप कई तरह की प्राइवेट कम्पनियो जैसे Boeing, Airbus, SpiceJet, IndiGo Airlines, Mahindra Aerospace आदि में विभिन्न पदों पर कार्य कर सकते है। इनके अलावा ISRO, DRDO, HAL, AAI (Airports Authority of India), IAF (Indian Air Force) जैसी अनेक सरकारी संस्थाओं में भी विभिन्न पदों पर आवेदन कर आप सरकारी नौकरी पा सकते है। नीचे दी गई तालिका में डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के विभिन्न प्राइवेट एवं सरकारी पदों तथा उनके कार्यो का वर्णन किया गया है।
Diploma in Aeronautical Engineering Jobs in Private Sector
डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद आप निम्नलिखित पदों पर प्राइवेट कम्पनियों में जॉब कर सकते है।
क्र. | पद का नाम | कार्य |
---|---|---|
1 | एयरक्राफ्ट डिजाइनर | विमान और अन्य एयरोस्पेस उपकरणों की डिजाइनिंग। |
2 | क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर | एयरोस्पेस प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता की जांच। |
3 | ग्राउंड ऑपरेशंस स्टाफ | एयरलाइंस में ग्राउंड सपोर्ट सेवाएं प्रदान करना। |
4 | एवियोनिक्स टेक्नीशियन | एयरक्राफ्ट के इलेक्ट्रॉनिक्स और नेविगेशन सिस्टम की मरम्मत और देखरेख। |
5 | प्रोडक्शन इंजीनियर | एयरोस्पेस प्रोडक्ट्स के निर्माण में सहायता। |
6 | एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस टेक्नीशियन | विमान की तकनीकी समस्याओं का समाधान और देखभाल। |
7 | रोबोटिक्स ऑपरेटर | एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में रोबोटिक्स उपकरणों का संचालन। |
8 | सप्लाई चेन मैनेजर | एयरोस्पेस उपकरणों और भागों की आपूर्ति की योजना बनाना। |
9 | सिम्युलेशन टेक्नीशियन | विमान उड़ान सिम्युलेटर की टेस्टिंग और संचालन। |
10 | कस्टमर सर्विस इंजीनियर | एयरोस्पेस ग्राहकों को तकनीकी सहायता प्रदान करना। |
Diploma in Aeronautical Engineering Govt. Jobs
डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद आप निम्नलिखित पदों पर सरकारी संस्थाओं में नौकरी कर सकते है।
क्र. | पद का नाम | कार्य |
---|---|---|
1 | एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर | विमान के सभी यांत्रिक और तकनीकी उपकरणों की जाँच करना। |
2 | जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट | तकनीकी समस्याओं का समाधान और वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट करना। |
3 | ड्राफ्ट्समैन | विमानों और एयरोस्पेस उपकरणों के डिजाइन तैयार करना। |
4 | एयरक्राफ्ट इंस्पेक्टर | यह सुनिश्चित करना कि विमान उड़ान के लिए सुरक्षित और तैयार है। |
5 | टेक्निकल ऑफिसर | टीम के तकनीकी काम की देखरेख और सरकार के लिए रिसर्च और डाटा तैयार करना। |
6 | एयरोनॉटिकल इंजीनियर | विमान को हल्का व तेज बनाने के लिए तकनीकी समाधान तैयार करना। |
7 | ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ | विमानों की पार्किंग, लोडिंग, और ईंधन भरने का कार्य। |
8 | रिसर्च असिस्टेंट | नई तकनीकों का विकास और प्रोटोटाइप तैयार कर वैज्ञानिकों की सहायता करना। |
9 | असिस्टेंट इंजीनियर | विमान के निर्माण और टेस्टिंग पर काम कर सीनियर इंजीनियर की सहायता करना। |
10 | टेक्निकल सुपरवाइजर | टीम को काम सौंपना और प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट तैयार करना। |
Salary after Diploma in Aeronautical Engineering Course
Diploma in Aeronautical Engineering Salary Per Month (Private)
क्र. | पद का नाम | अनुमानित सैलरी (वेतन) |
---|---|---|
1 | एयरक्राफ्ट डिजाइनर | 35,000 रुपए प्रतिमाह |
2 | क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर | 30,000 रुपए प्रतिमाह |
3 | ग्राउंड ऑपरेशंस स्टाफ | 40,000 रुपए प्रतिमाह |
4 | एवियोनिक्स टेक्नीशियन | 20,000 रुपए प्रतिमाह |
5 | प्रोडक्शन इंजीनियर | 25,000 रुपए प्रतिमाह |
6 | एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस टेक्नीशियन | 30,000 रुपए प्रतिमाह |
7 | रोबोटिक्स ऑपरेटर | 35,000 रुपए प्रतिमाह |
8 | सप्लाई चेन मैनेजर | 30,000 रुपए प्रतिमाह |
9 | सिम्युलेशन टेक्नीशियन | 25,000 रुपए प्रतिमाह |
10 | कस्टमर सर्विस इंजीनियर | 30,000 रुपए प्रतिमाह |
Diploma in Aeronautical Engineering Salary Per Month (Government)
क्र. | पद का नाम | अनुमानित सैलरी (वेतन) |
---|---|---|
1 | एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर | 30,000 रुपए प्रतिमाह |
2 | जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट | 25,000 रुपए प्रतिमाह |
3 | ड्राफ्ट्समैन | 35,000 रुपए प्रतिमाह |
4 | एयरक्राफ्ट इंस्पेक्टर | 40,000 रुपए प्रतिमाह |
5 | टेक्निकल ऑफिसर | 45,000 रुपए प्रतिमाह |
6 | एयरोनॉटिकल इंजीनियर | 50,000 रुपए प्रतिमाह |
7 | ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ | 20,000 रुपए प्रतिमाह |
8 | रिसर्च असिस्टेंट | 30,000 रुपए प्रतिमाह |
9 | असिस्टेंट इंजीनियर | 35,000 रुपए प्रतिमाह |
10 | टेक्निकल सुपरवाइजर | 40,000 रुपए प्रतिमाह |
इस कोर्स के अलावा आप अन्य डिप्लोमा कोर्सेस कि जानकारी भी इस वेबसाईट पर प्राप्त कर सकते है
Education Opportunities after Diploma in Aeronautical Engineering
डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स को पूर्ण करने के बाद भी आप अगर अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखना चाहते हैं तो आपके पास कई करियर विकल्प मिलते है जिनमे आप प्रवेश लेकर अपना करियर और ज्यादा बेहतर बना सकते है।
- B.Tech/B.E. in Aeronautical Engineering : अगर डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप एक सीनियर इंजिनियर बनना चाहते है तो आपको बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी का डिग्री कोर्स करना चाहिए। इन कोर्सेस कि अवधि 4 वर्ष होती है लेकिन आप इन दोनों में से किसी भी एक कोर्स में डायरेक्ट सेकंड ईयर में एडमिशन लेकर सीनियर एयरोनॉटिकल इंजिनियर बन सकते है।
- B.Tech/B.E. in Aerospace Engineering : यह भी एक 4 वर्षीय पाठ्यक्रम पर आधारित कोर्स है जिसमे Diploma in Aeronautical Engineering Course पूरा करने के बाद आप लेटरल एंट्री के माध्यम से सीधे ही सेकंड ईयर में एडमिशन लेकर सीनियर इंजिनियर बन सकते है।
- B.Tech in Avionics Engineering : यह कोर्स विमान और स्पेसक्राफ्ट के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स जैसे रडार, नेविगेशन और संचार पर आधारित होता है। इसकी अवधि भी 4 वर्ष कि होती है लेकिन इसमें भी आप लेटरल एंट्री के माध्यम से सेकंड ईयर में एडमिशन में एडमिशन ले सकते है।
- B.Sc. in Aeronautics : विमान संचालन, सुरक्षा नियम, और उड़ान तकनीकों पर आधारित यह 3 वर्ष का कोर्स है, जिसको आप डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद कर सकते है।
- B.Sc. in Aerospace Science : स्पेसक्राफ्ट टेक्नोलॉजी और रिसर्च से संबंधित सिद्धांतों पर आधारित इस कोर्स कि अवधि भी 3 वर्ष होती है जिसमें एडमिशन लेकर आप अच्छा भविष्य बना सकते है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
Q.1 इस कोर्स को पूरा करने के बाद में क्या कोई सरकारी नोकरी लग सकती है?
Ans. हाँ, डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स को पूरा करने के बाद आप इसरो या अन्य सरकारी संस्थाओं आदि में निकलने वाली वेकेंसियो पर आवेदन कर नोकरी ले सकते है।
Q.2 क्या लड़कीया इस कोर्स में प्रवेश ले सकती है?
Ans. हाँ, यह कोर्स लडकियों के लिए एक बेहरतीन इंजीनियरिंग कोर्स है।
Q.3 क्या इस कोर्स कि पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी मीडियम में होती है?
Ans. नहीं, अंग्रेजी व हिन्दी या फिर आप जिस क्षेत्र में रहते है उस भाषा में आपको पढ़ाया जाता है।
Q.4 क्या यह कोर्स ऑनलाइन पूर्ण किया जा सकता है?
Ans. नहीं, लेकिन कुछ संस्थानों में किसी विशेष विषय के सेद्धान्तिक हिस्से को ऑनलाइन पढाया जाना शुरू हो चूका है। परन्तु प्रेक्टिकल अनुभव के लिए आपको कॉलेज जाना बहुत जरुरी है।
Q.5 क्या Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स को पूरा करने के बाद खुद का बिजनेस स्टार्ट किया जा सकता है?
Ans. हाँ बिल्कुल, डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग कोर्स के बाद आप अपनी खुद कि ड्रोन डिजाइन और निर्माण कंपनी स्टार्ट कर सकते है लेकिन इसमें 1 लाख या इससे अधिक कि पूंजी होना जरुरी है तथा ड्रोन कि प्रोग्रामिंग का ज्ञान भी आवश्यक है।
इस लेख में दी गई जानकारियो के अतिरिक्त अन्य स्त्रोत जैसे Leverage Edu से भी आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कि अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।
अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो कृपया इसे अपने परिचितों व मित्रो के साथ शेयर जरुर करे। निचे दी गई लिंक्स पर क्लीक कर हमारे सोशल मीडिया अकाउंट्स से जरुर जुड़े। धन्यवाद।