Diploma in Aeronautical Engineering, 2025 Best Course

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1 Diploma in Aeronautical Engineering

Diploma in Aeronautical Engineering

क्या आप जानते है कि एरोप्लेन, हवाई जहाज, अन्तरिक्ष यान, रॉकेट्स आदि कैसे उड़ते है? ये सभी कैसे काम करते है? इन्हें कैसे बनाया जाता है? यदि आपको इस तरह के सवालो के जवाब जानने में इंटरेस्ट है और आप भविष्य में पायलट या एयरक्राफ्ट इंजीनियर बनने या अंतरिक्ष में जाने का सपना देखते है तो इस लेख में आप Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। चाहे आप अभी कक्षा 10वी में पढ़ रहे हो या आपने कक्षा 10वी पास कर ली है या फिर आपने 12वीं के बाद Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स में एडमिशन लेने का प्लान बनाया है, आप सभी इस कोर्स में एडमिशन लेकर एक अच्छा करियर बना सकते है।

अगर आपको यह समझ नहीं आ रहा है कि 10वी के बाद क्या करे तो 10वी के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स करना एक बहुत अच्छा विकल्प है। डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (Diploma in Aeronautical Engineering) एक 3 वर्षीय अंडरग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स है। Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स को कक्षा 10वी उत्तीर्ण कोई भी छात्र-छात्रा कर सकते है। इस कोर्स में एडमिशन कि प्रक्रिया, पात्रता, पाठ्यक्रम, फीस तथा भविष्य में करियर विकल्प सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है।

Aeronautical Engineering

What is Diploma in Aeronautical Engineering?

Diploma in Aeronautical Engineering यह एक 3 साल का कोर्स है, जिसमे आपको हवाई जहाजो, मिसाइलो, अन्तरिक्ष यानो के क्षेत्र में कार्य करना सिखाया जाता है। इसमें विमानों, मिसाइलो, रॉकेट्स कि डिजाइनिंग, रिपेयरिंग, उनका रखरखाव उनमे आने वाली परेशानियों को दूर करने जैसे अनेक कार्य बहुत ही गहराई व प्रेक्टिकल तरीके से सिखाया जाते है। हमारे देश कि अन्तरिक्ष वैज्ञानिक कप्लना चावला ने भी एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कि डिग्री हासिल कर नासा जैसी अमेरिकन संस्था में कार्य कर भारत का नाम रोशन किया है।

Diploma in Aeronautical Engineering after 10th

कक्षा 10वीं के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए आपको एक एंट्रेंस एग्जाम यानी प्रवेश परीक्षा देना होगी। हमारे देश में कई इंजीनियरिंग कोर्सेस उपलब्ध है जिनमे Diploma in Aeronautical Engineering Course हमेशा से डिमांड में रहा है। परन्तु इसमें बहुत कम शीट होती है इसलिए सही उम्मीदवारों को चुनने के लिए अलग अलग राज्यों में इस कोर्स में प्रवेश के लिए अलग अलग तरह की एंट्रेंस एग्जाम्स होती है। कुछ एंट्रेंस एग्जाम्स इस प्रकार है।

क्र.राज्यएंट्रेंस एग्जाम
1 आंध्र प्रदेश AP POLYCET (Andhra Pradesh Polytechnic Common Entrance Test)
2 असम Assam PAT (Polytechnic Admission Test)
3 बिहार DCECE (Diploma Certificate Entrance Competitive Examination)
4 छत्तीसगढ़ CG PPT (Chhattisgarh Pre-Polytechnic Test)
5 गोवा Goa Polytechnic Entrance Exam
6 गुजरात Gujarat Polytechnic (GUJCET for some courses)
7 हरियाणा Haryana DET (Diploma Entrance Test)
8 हिमाचल प्रदेश HPPAT (Himachal Pradesh Polytechnic Admission Test)
9 झारखंड PECE (Polytechnic Entrance Competitive Examination)
10 कर्नाटक Karnataka DCET (Diploma Common Entrance Test)
11 केरल Kerala Polytechnic Entrance Exam
12 मध्य प्रदेश MP PPT (Madhya Pradesh Pre-Polytechnic Test)
13 महाराष्ट्र MAH CET (Maharashtra Common Entrance Test for Diploma Courses)
14 मणिपुर Manipur Polytechnic Admission Test
15 ओडिशा Odisha DET (Diploma Entrance Test)
16 पंजाब Punjab JET (Joint Entrance Test)
17 राजस्थान Rajasthan Polytechnic Admission (Merit-Based, No Entrance Exam)
18 तमिलनाडु TNEA (Tamil Nadu Engineering Admissions for Diploma Holders)
19 तेलंगाना TS POLYCET (Telangana Polytechnic Common Entrance Test)
20 उत्तर प्रदेश JEECUP (Joint Entrance Examination Council of Uttar Pradesh)
21 उत्तराखंड Uttarakhand Polytechnic (JEEP – Joint Engineering Examination Polytechnic)
22 पश्चिम बंगाल JEXPO (Joint Entrance Examination for Polytechnics West Bengal)

कौन दे सकते है एंट्रेंस एग्जाम?

एंट्रेंस एग्जाम देने के लिए यह तय हो कि उम्मीदवार कक्षा 10वी में पढ़ रहा हो या कक्षा 10वी उत्तीर्ण कर ली हो तथा जब कक्षा 10वी की परीक्षा पास कि हो तो कम से कम 50% अंक प्राप्त जरूर होना चाहिए अन्यथा उम्मीदवार को एडमिशन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।

एंट्रेंस एग्जाम से उम्मीदवार का चयन

इस एग्जाम को देने के बाद एक कटऑफ नम्बर की लिस्ट जारी होती है। इस लिस्ट में विभिन्न केटेगरी जैसे ST, SC, OBC, General, EWS आदि के लिए पासिंग नम्बर दिए रहते हैं। जिन उम्मीवारों के नम्बर कटऑफ नम्बर से अधिक आते है, वो एडमिशन के लिए योग्य होते है तथा जिनके नम्बर कटऑफ नम्बर से कम होते है, वो सरकारी कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया से बाहर हो जाते है।

मेरिट के आधार पर एडमिशन

यदि आप Diploma in Aeronautical Engineering Course में एडमिशन लेना चाहते है तो इसके लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम में बेठने के लिए कक्षा में 10वी में अध्ययनरत होना या 10वी कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। प्रवेश परीक्षा के बाद रिजल्ट आने पर कटऑफ लिस्ट जारी होती है तथा मेरिट लिस्ट बनती है। इसके बाद मैरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन दिया जाता है।

डायरेक्ट एडमिशन प्रक्रिया

हमारे आसपास ऐसे भी कुछ कॉलेज या इंस्टिट्युट है जिनमे एडमिशन लेने के लिए किसी भी एंट्रेंस एग्जाम को देने कि जरुरत नहीं होती है। इनमे डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है। इसके लिए आपको कॉलेज में जाकर आवेदन फार्म भरना होता है तथा जरुरी दस्तावेज और एडमिशन फीस जमा करना पड़ता है।इसके बाद आपको एडमिशन दे दिया जाता है।

Eligibility for Diploma in Aeronautical Engineering

विद्यार्थियों को Diploma in Aeronautical Engineering में एडमिशन के लिए निम्नलिखित बिन्दुओ पर ध्यान देना जरूरी है।

डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स पात्रता

  • उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त सरकारी या प्राइवेट विद्यालय से कक्षा 10वी में पास होना अनिवार्य है।
  • उम्मीदवार को कम से कम 50% अंको से कक्षा 10वी पास करना बहुत जरुरी है। यहाँ पर आरक्षण प्राप्त श्रेणियों को सिर्फ 45% अंक से कक्षा 10वी को पास करना जरुरी है।
  • उम्मीदवार पूरी तरह फिट होना चाहिए। किसी भी तरह की शारीरिक अपंगता या आखों से सम्बंधित कोई समस्या नही होना चाहिए।
  • कुछ सरकारी संस्थान सिर्फ 12वी (फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथेमेटिक्स से) पास करने वाले विद्यार्थियों को ही Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स में प्रवेश देते है।

Syllabus for Diploma in Aeronautical Engineering (Semester wise)

Diploma in Aeronautical Engineering Syllabus

क्र.सेमेस्टर 1सेमेस्टर 2सेमेस्टर 3सेमेस्टर 4सेमेस्टर 5सेमेस्टर 6
1Applied Mathematics – IApplied Mathematics – IIAerodynamics-IAerodynamics-IIAircraft Systems and MaintenanceSpace Science and Rocketry
2Applied Physics – IApplied Physics – IIThermodynamicsAircraft Structure-IAircraft Structure-IIAircraft Maintenance Practice
3Applied ChemistryBasic Electrical & Electronics EngineeringMechanical Measurements and InstrumentationPropulsion-IIFlight MechanicsQuality Control and Testing
4Engineering Graphics and DrawingFluid MechanicsPropulsion-IAvionicsRobotics and AutomationEntrepreneurship Development
5Communication SkillsEngineering MechanicsMaterial Science and Metallurgical ProcessesMachine DesignIndustrial ManagementIndustrial Training/Internship
6Workshop Practice – IWorkshop Practice – IICAD – Computer-Aided DesignMechanical Engineering LabMinor ProjectMajor Project

ध्यान दे कि ये सभी विषय अलग अलग राज्यों व यूनिवर्सिटीज के अनुसार थोड़ा अलग हो सकते है लेकिन 3 वर्ष के कोर्स को पूर्ण करने के बाद फाइनली आप एक एरोनॉटिकल इंजीनियर बन जाते है।

Diploma in Aeronautical Engineering Fees Details

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के इस कोर्स में डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स कि फीस (Diploma in Aeronautical Engineering Fees) विभिन्न सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों के अनुसार अलग अलग हो सकती है। नीचे दी गई तालिका में डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कि अनुमानित फिस का विवरण है। अधिक जानकारी के लिए आप जिस कॉलेज में एडमिशन का सोच रहे है, उस कॉलेज के एडमिशन इंचार्ज से फीस सम्बन्धित बात कर सकते है।

क्र.संस्थान का प्रकारअनुमानित फीस
1सरकारी संस्थान10,000 रूपये से लेकर 30,000 रूपये प्रतिवर्ष
2प्राइवेट संस्थान40,000 रूपये से लेकर 150,000 रूपये प्रतिवर्ष

इसके अलावा, अन्य खर्च जैसे कि किताबें, लैब फीस, हॉस्टल फीस आदि भी अलग से लग सकते हैं

Job Opportunities after Diploma in Aeronautical Engineering Course

इस कोर्स को पूर्ण करने के बाद आप कई तरह की प्राइवेट कम्पनियो जैसे Boeing, Airbus, SpiceJet, IndiGo Airlines, Mahindra Aerospace आदि में विभिन्न पदों पर कार्य कर सकते है। इनके अलावा ISRO, DRDO, HAL, AAI (Airports Authority of India), IAF (Indian Air Force) जैसी अनेक सरकारी संस्थाओं में भी विभिन्न पदों पर आवेदन कर आप सरकारी नौकरी पा सकते है। नीचे दी गई तालिका में डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के विभिन्न प्राइवेट एवं सरकारी पदों तथा उनके कार्यो का वर्णन किया गया है।

Diploma in Aeronautical Engineering Jobs in Private Sector

डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद आप निम्नलिखित पदों पर प्राइवेट कम्पनियों में जॉब कर सकते है।

क्र.पद का नामकार्य
1एयरक्राफ्ट डिजाइनरविमान और अन्य एयरोस्पेस उपकरणों की डिजाइनिंग।
2क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियरएयरोस्पेस प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता की जांच।
3ग्राउंड ऑपरेशंस स्टाफएयरलाइंस में ग्राउंड सपोर्ट सेवाएं प्रदान करना।
4एवियोनिक्स टेक्नीशियनएयरक्राफ्ट के इलेक्ट्रॉनिक्स और नेविगेशन सिस्टम की मरम्मत और देखरेख।
5प्रोडक्शन इंजीनियरएयरोस्पेस प्रोडक्ट्स के निर्माण में सहायता।
6एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस टेक्नीशियनविमान की तकनीकी समस्याओं का समाधान और देखभाल।
7रोबोटिक्स ऑपरेटरएयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में रोबोटिक्स उपकरणों का संचालन।
8सप्लाई चेन मैनेजरएयरोस्पेस उपकरणों और भागों की आपूर्ति की योजना बनाना।
9सिम्युलेशन टेक्नीशियनविमान उड़ान सिम्युलेटर की टेस्टिंग और संचालन।
10कस्टमर सर्विस इंजीनियरएयरोस्पेस ग्राहकों को तकनीकी सहायता प्रदान करना।

Diploma in Aeronautical Engineering Govt. Jobs

डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद आप निम्नलिखित पदों पर सरकारी संस्थाओं में नौकरी कर सकते है।

क्र.पद का नामकार्य
1एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरविमान के सभी यांत्रिक और तकनीकी उपकरणों की जाँच करना।
2जूनियर टेक्निकल असिस्टेंटतकनीकी समस्याओं का समाधान और वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट करना।
3ड्राफ्ट्समैनविमानों और एयरोस्पेस उपकरणों के डिजाइन तैयार करना।
4एयरक्राफ्ट इंस्पेक्टरयह सुनिश्चित करना कि विमान उड़ान के लिए सुरक्षित और तैयार है।
5टेक्निकल ऑफिसरटीम के तकनीकी काम की देखरेख और सरकार के लिए रिसर्च और डाटा तैयार करना।
6एयरोनॉटिकल इंजीनियरविमान को हल्का व तेज बनाने के लिए तकनीकी समाधान तैयार करना।
7ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफविमानों की पार्किंग, लोडिंग, और ईंधन भरने का कार्य।
8रिसर्च असिस्टेंटनई तकनीकों का विकास और प्रोटोटाइप तैयार कर वैज्ञानिकों की सहायता करना।
9असिस्टेंट इंजीनियरविमान के निर्माण और टेस्टिंग पर काम कर सीनियर इंजीनियर की सहायता करना।
10टेक्निकल सुपरवाइजरटीम को काम सौंपना और प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट तैयार करना।

Salary after Diploma in Aeronautical Engineering Course

Diploma in Aeronautical Engineering Salary Per Month (Private)

क्र.पद का नामअनुमानित सैलरी (वेतन)
1एयरक्राफ्ट डिजाइनर35,000 रुपए प्रतिमाह
2क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर30,000 रुपए प्रतिमाह
3ग्राउंड ऑपरेशंस स्टाफ40,000 रुपए प्रतिमाह
4एवियोनिक्स टेक्नीशियन20,000 रुपए प्रतिमाह
5प्रोडक्शन इंजीनियर25,000 रुपए प्रतिमाह
6एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस टेक्नीशियन30,000 रुपए प्रतिमाह
7रोबोटिक्स ऑपरेटर35,000 रुपए प्रतिमाह
8सप्लाई चेन मैनेजर30,000 रुपए प्रतिमाह
9सिम्युलेशन टेक्नीशियन25,000 रुपए प्रतिमाह
10कस्टमर सर्विस इंजीनियर30,000 रुपए प्रतिमाह

Diploma in Aeronautical Engineering Salary Per Month (Government)

क्र.पद का नामअनुमानित सैलरी (वेतन)
1एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर30,000 रुपए प्रतिमाह
2जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट25,000 रुपए प्रतिमाह
3ड्राफ्ट्समैन35,000 रुपए प्रतिमाह
4एयरक्राफ्ट इंस्पेक्टर40,000 रुपए प्रतिमाह
5टेक्निकल ऑफिसर45,000 रुपए प्रतिमाह
6एयरोनॉटिकल इंजीनियर50,000 रुपए प्रतिमाह
7ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ20,000 रुपए प्रतिमाह
8रिसर्च असिस्टेंट30,000 रुपए प्रतिमाह
9असिस्टेंट इंजीनियर35,000 रुपए प्रतिमाह
10टेक्निकल सुपरवाइजर40,000 रुपए प्रतिमाह

इस कोर्स के अलावा आप अन्य डिप्लोमा कोर्सेस कि जानकारी भी इस वेबसाईट पर प्राप्त कर सकते है

Education Opportunities after Diploma in Aeronautical Engineering

डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स को पूर्ण करने के बाद भी आप अगर अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखना चाहते हैं तो आपके पास कई करियर विकल्प मिलते है जिनमे आप प्रवेश लेकर अपना करियर और ज्यादा बेहतर बना सकते है।

  • B.Tech/B.E. in Aeronautical Engineering : अगर डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप एक सीनियर इंजिनियर बनना चाहते है तो आपको बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी का डिग्री कोर्स करना चाहिए। इन कोर्सेस कि अवधि 4 वर्ष होती है लेकिन आप इन दोनों में से किसी भी एक कोर्स में डायरेक्ट सेकंड ईयर में एडमिशन लेकर सीनियर एयरोनॉटिकल इंजिनियर बन सकते है।
  • B.Tech/B.E. in Aerospace Engineering : यह भी एक 4 वर्षीय पाठ्यक्रम पर आधारित कोर्स है जिसमे Diploma in Aeronautical Engineering Course पूरा करने के बाद आप लेटरल एंट्री के माध्यम से सीधे ही सेकंड ईयर में एडमिशन लेकर सीनियर इंजिनियर बन सकते है।
  • B.Tech in Avionics Engineering : यह कोर्स विमान और स्पेसक्राफ्ट के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स जैसे रडार, नेविगेशन और संचार पर आधारित होता है। इसकी अवधि भी 4 वर्ष कि होती है लेकिन इसमें भी आप लेटरल एंट्री के माध्यम से सेकंड ईयर में एडमिशन में एडमिशन ले सकते है।
  • B.Sc. in Aeronautics : विमान संचालन, सुरक्षा नियम, और उड़ान तकनीकों पर आधारित यह 3 वर्ष का कोर्स है, जिसको आप डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद कर सकते है।
  • B.Sc. in Aerospace Science : स्पेसक्राफ्ट टेक्नोलॉजी और रिसर्च से संबंधित सिद्धांतों पर आधारित इस कोर्स कि अवधि भी 3 वर्ष होती है जिसमें एडमिशन लेकर आप अच्छा भविष्य बना सकते है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

Q.1 इस कोर्स को पूरा करने के बाद में क्या कोई सरकारी नोकरी लग सकती है?

Ans. हाँ, डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स को पूरा करने के बाद आप इसरो या अन्य सरकारी संस्थाओं आदि में निकलने वाली वेकेंसियो पर आवेदन कर नोकरी ले सकते है।

Q.2 क्या लड़कीया इस कोर्स में प्रवेश ले सकती है?

Ans. हाँ, यह कोर्स लडकियों के लिए एक बेहरतीन इंजीनियरिंग कोर्स है।

Q.3 क्या इस कोर्स कि पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी मीडियम में होती है?

Ans. नहीं, अंग्रेजी व हिन्दी या फिर आप जिस क्षेत्र में रहते है उस भाषा में आपको पढ़ाया जाता है।

Q.4 क्या यह कोर्स ऑनलाइन पूर्ण किया जा सकता है?

Ans. नहीं, लेकिन कुछ संस्थानों में किसी विशेष विषय के सेद्धान्तिक हिस्से को ऑनलाइन पढाया जाना शुरू हो चूका है। परन्तु प्रेक्टिकल अनुभव के लिए आपको कॉलेज जाना बहुत जरुरी है।

Q.5 क्या Diploma in Aeronautical Engineering कोर्स को पूरा करने के बाद खुद का बिजनेस स्टार्ट किया जा सकता है?

Ans. हाँ बिल्कुल, डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग कोर्स के बाद आप अपनी खुद कि ड्रोन डिजाइन और निर्माण कंपनी स्टार्ट कर सकते है लेकिन इसमें 1 लाख या इससे अधिक कि पूंजी होना जरुरी है तथा ड्रोन कि प्रोग्रामिंग का ज्ञान भी आवश्यक है।

इस लेख में दी गई जानकारियो के अतिरिक्त अन्य स्त्रोत जैसे Leverage Edu से भी आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कि अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।

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